धान की फसल में खरपतवार को कैसे कंट्रोल करें; बेहतर उत्पादन के लिए जरुर कर ले ये काम
नई दिल्ली: खरीफ की फसल के तहत धान की रोपाई हो चुकी है और अब फसल में कल्ले निकलने का समय चल रहा है। इस समय धान की फसल के साथ-साथ कई प्रकार के खरपतवार भी खेतों में उग आते हैं, जो धान की पौधों की बढ़वार को प्रभावित करते हैं और उत्पादन पर नकारात्मक असर डालते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के महत्व और उसके उपायों पर जानकारी दी है।
खरपतवार का प्रभाव
धान की फसल में खरपतवार उगने से फसल को मिलने वाले उर्वरक और पोषक तत्व कम हो जाते हैं, जिससे पौधों की बढ़वार में बाधा आती है। धान की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होती है और ऐसे में खरपतवार भी तेजी से बढ़ते हैं। खरपतवार फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और पौधों की वृद्धि को प्रभावित करते हैं।
खरपतवार नियंत्रण के तरीके
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए रासायनिक और प्राकृतिक दोनों तरीकों का उपयोग किया जा सकता है।
रासायनिक तरीका
खरपतवार को नष्ट करने के लिए Bispyribac Sodium 10% SC नामक खरपतवार नाशक का उपयोग किया जा सकता है। इसका छिड़काव 100-110 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ में किया जाता है। धान की रोपाई के 18-20 दिनों के बीच इस खरपतवार नाशक का छिड़काव करना चाहिए ताकि खरपतवार बड़े होने से पहले ही नष्ट हो सकें।
प्राकृतिक तरीका
रासायनिक तरीके के अलावा निराई-गुड़ाई भी एक प्रभावी तरीका है। इसमें श्रमिकों की मदद से खुरपी का उपयोग करके धान की फसल में खड़े खरपतवारों को हटाया जा सकता है। इससे धान के पौधों की बढ़वार बेहतर होती है और कल्लों की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे उत्पादन में सुधार होता है।
धान की फसल के लिए महत्वपूर्ण कदम
धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय पर कार्रवाई करना आवश्यक है। निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
कदम | विवरण |
---|---|
रासायनिक छिड़काव | Bispyribac Sodium 10% SC का उपयोग |
निराई-गुड़ाई | खुरपी की मदद से खरपतवार हटाना |
धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के फायदे
- बेहतर बढ़वार: धान के पौधों की बेहतर वृद्धि होती है।
- उत्पादन में वृद्धि: कल्लों की संख्या बढ़ने से उत्पादन में सुधार होता है।
- पोषक तत्वों की बचत: फसल को मिलने वाले उर्वरक और पोषक तत्व खरपतवार द्वारा नहीं छीने जाते।